शादिओं से बिहार का इतिहास हर क्षेत्र ने अनोखा रहा है फिर चाहे वो शौय्रता का हो पुरातत्व का हो या फिर खनिज समपदो का हो या राजनितिक दृष्टि से हो हर जगह बिहार का अपना अलग पहचान रहा है बिहार में ऐसे कई प्राचीन स्थल है जिनके दीदार के हर साल करोडो पर्यटक आते है
तो चलिए आज हम जानते है गया शहर से 24 KM उतर दिशा में स्थित एक ऐसे ही प्राचीन स्थल जिसका नाम है बराबर वो की BARABER CAVES के नाम से भी जाना जाता है |
तो चलिए आज हम जानते है गया शहर से 24 KM उतर दिशा में स्थित एक ऐसे ही प्राचीन स्थल जिसका नाम है बराबर वो की BARABER CAVES के नाम से भी जाना जाता है |
क्यूँ है बराबर गुफा (BARABAR CAVES) इतना प्रसिद्ध ?
माना जाता है की ये दुनिया का पहला ऐसा गुफा है जिसे मनुष्यो द्वारा हाँथ से काटकर बनाया गया है बिना किसी मशीन के हलाकि हाथ से काटने की परंपरा बिहार में हमेशा से है आपको याद होगा दशरथ मांझी जी को कौन नहीं जनता जिन्होंने हाथ से ही पहाड़ का सीना चिर कर रास्ता बना दिया था |
फ़िलहाल हम जानते है बराबर के गुफाओ के बारे में बराबर के जिन पहड़ो में इन गुफाओ के काट कर बनाया गया है वो पत्थर ग्रेनाइट है और खाश बात तो ये है की इन गुफाओ के अंदर के चमक बिलकुल शीशे जैसे है और बिलकुल चिकना है दिवार पे लगाए उस पॉलिश को मौर्य पॉलिश कहा जाता है | यहाँ की एक और खाश बात यह है इस पहाड़ के बीचो बिच एक कुंड है जिसका पानी कभी नहीं सूखता हैं ये भी एक अपने आप में रहश्य से कम नहीं है |
क्या है इस बराबर गुफ़ा (BARABAR CAVES) का इतिहास ?
बतलाया जाता है की इन सभी गुफाओ को मौर्य काल में में बनवाया गया था पर पौराणिक कथाओ के अनुशार इन गुफाओ को भगवान विश्वकर्मा ने अपने हाथो से एक ही रात में बनाया था इन गुफाओ का सम्बन्ध भगवान शिव और उनके भक्त बाणासुर से है इस बात की पुस्टि इस से भी की जा सकती है क्युकी वहाँ पहाड़ की ऊपरी चोटि पर भगवान शिव का एक मंदिर भी हैं | तो मान्यता ये भी है की इन गुफाओ में परियां रहती थी |
क्या है बराबर गुफा (BARABAR CAVES) का बास्तविक इतिहास ?
इतहासकारो के अनुसार इन गुफाओ का निर्माण मौर्य काल के सबसे प्रतापी राजा सम्राट अशोक ने करवाया था वहाँ गुफाओ के बाहर और गुफाओ में लिखे अशोक के अभिलेखों से भी साफ जाहिर होता है की इन गुफाओ का निर्माण अशोक ने ही करवाया था
बताया जाता है इन गुफाओ को सम्राट अशोक ने बनवाकर अपने राज्याभिषेक के 12वी वर्षगाठ के अवसर पर आजीवक सम्प्रदाय के लोगो को रहने के लिए दान में दे दिया था इतिहासकारों की माने तो बराबर पहाड़ के चट्टानों में हेमेटाइट की मात्रा अधिक होने के कारण ये बहुत कठोर है जिसका औजार बनाकर सम्राट अशोक ने कलिंग (261 BC) में विजय प्राप्त किया था |
बराबर गुफा (BARABAR CAVES) के कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ |
बराबर नागार्जुनी पहाड़ी पे कुल सात गुफाएँ है जिनमे 4 गुफा बराबर पहाड़ी है जो निम्न है |
- Lomas rishi cave
- Sudama cave
- Karan chaupar cave
- Visvakarma cave
जिनमें से 4 गुफा बराबर पहाड़ पर जिसका निर्माण खुद सम्राट अशोक ने करवाया था तथा 3 गुफा नागार्जुन के पहाड़ पे है जो निम्न है |
- Gopika cave
- Vadathika cave
- Vapiyaka cave
जिसका निर्माण सम्राट अशोक के पौत्र दशरथ ने करवाया था | बराबर की गुफाओ में सबसे आकर्षक गुफा लोमशऋषि का गुफा है जिसका चित्र हमने सबसे ऊपर लगा रखा है | परन्तु इस गुफा का खाश बात यह है की यह अर्धनिर्मित गुफा है और मात्र यही गुफा है जसिमे सम्राट अशोक का शिलालेख नहीं है बाकि सब में है |
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